Monday, February 26, 2024

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

हमें आपको बताते हुए अति प्रसन्नता हो रही है कि हमारी संस्था, बेगूसराय से तीन एडु-लीडर्स- ज़ेबा, कोमल और आरती का अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाओं में सफलतापूर्वक चयन हुआ है

APU Exam को crack करने पर इन साथियों को हार्दिक शुभकामनाएँ। इस सेक्शन में आप इनके द्वारा किये गए परिश्रम की समय-सारणी के बारे में थोड़ा जानेंगें। आशा करते हैं कि जो अभ्यर्थी वर्तमान में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए मेहनत कर रहें हैं उनके लिए इन एडु-लीडर्स के अनुभव मार्गदर्शन का कार्य करेंगें।

ज़ेबा: APU की तैयारी के लिए, प्रतिदिन शाम में i-सक्षम के मेंटोर्स (श्रवण सर, एकता दीदी और अमर भैया) हमारी क्लासेज (classes) लेते थे। परन्तु उन दिनों घर का अत्यधिक काम मेरे सर पर होने के कारण मुझे इस एग्जाम और इंटरव्यू की तैयारी करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मैं, घर का सारा काम करती थी, फिर, स्कूल और क्लस्टर भी जाती थी।

पढ़ते-पढ़ते रात के 12-1 भी बज जाते थे और उसके बाद मैं सोती थी। कभी-कभी तो मन में आता था कि सब कुछ छोड़ दूँ! मुझसे नहीं हो पाएगा! लेकिन फिर मैं ही खुद को समझाती थी कि लगन और मेहनत से कोशिश करुँगी तो बिलकुल हो जाएगा। और हो गया। 

आरती: i-सक्षम के मेंटोर्स (श्रवण सर, एकता दीदी, धरमवीर भैया और अमर भैया) हमारी एक-एक दिन क्लासेज (classes) लेते थे जिसमें Read Theory, Essay Writing, Maths और Current Affairs पढ़ाते थे।

क्लास लगभग एक घंटे की होती थी और उसके बाद 2-3 घंटे रिवीज़न (revision) करना होता था। पढ़ाई के लिए सुबह तो समय मिल ही नहीं पाता था। इसलिए रात को ही पढ़ती थी। दिन में स्कूल जाना होता था और घर का काम होता था।

कोमल: श्रवण सर तथा अन्य मेंटोर्स की सारी क्लासेज अटेंड (attend) करके मैं उनके दिए हुए सभी tasks को पूरा करती थी।

मैं फील्ड या ऑफिस से पाँच बजे शाम को घर वापस आती हूँ। बाहर से आकर मैं घर का काम जो मेरे ज़िम्मे आता है जैसे कि रोटी बनाना तथा अन्य कोई कार्य इन्हें समाप्त करके जल्दी-से-जल्दी अपनी पढ़ाई करने बैठ जाती हूँ। इसी में साढ़े छः या सात बज जाते थे। फिर अपनी प्रतिदिन वाली क्लास करने के लिए बैठती थी।

मैं प्रतिदिन सुबह, गूगल न्यूज़ पढ़ती हूँ। मुझे लगता है कि मैं बहुत ज्यादा तो नहीं पढ़ पाती हूँ- जॉब और घर के काम के साथ परन्तु मैं रात में रोज़ाना 7 बजे से 10 बजे तक का समय सेल्फ-स्टडी (Self-study) के लिए जरुर निकालती थी।

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