नमस्ते साथियों,
मैं अपनी PTM का अनुभव आप सभी के साथ साझा कर रही हूँ। यह मेरी करवायी हुई दूसरी PTM है। वैसे तो PTM शनिवार को होती है परन्तु सभी बच्चों के द्वारा मैंने यह सन्देश पहुँचा दिया था कि इस बार PTM सोमवार को सुबह 10 बजे से होगी।
सोमवार को 10 बजे जब हम स्कूल पहुँचे तो पेरेंट्स (parents) नहीं आये थे। मैंने कुछ देर इंतज़ार भी किया। इतने में ही रोज़ी दीदी आयीं। उन्होंने हमें सलाह दी कि सभी पेरेंट्स को कॉल किया जाए।
मैंने और अंजली ने मिलकर सभी पेरेंट्स को कॉल लगाना शुरू किया। थोड़ी देर में कुछ पेरेंट्स आ गए। मुझे थोड़ा डर लग रहा था कि कहाँ से शुरू किया जाये?
फिर रोज़ी दीदी ने गाइड (guide) किया कि पहले स्वागत कीजिये, उसके बाद सेशन प्लान के अनुसार चलिये। मैंने वैसा ही किया। सेशन प्लान के अनुसार पहले माइंडफुलनेस कराया। पिछली PTM का एक रिकैप (recap) किया।
उसके बाद रोज़ी दीदी ने रट्टा लगाने और समझकर पढ़ने में अंतर को लेकर एक वीडियो दिखायी। सभी पेरेंट्स ने उस वीडियो को ध्यान से देखा और सुना। पूरा वीडियो देखने के बाद दीदी ने उनसे प्रश्न पूछे। सभी ने अपनी समझ के अनुसार उत्तर दिये।
कुछ पेरेंट्स ने यह भी बोला कि बच्चे खेल-खेल के माध्यम से ज्यादा सीखते हैं। पेरेंट्स खुद ही प्रश्न पूछ रहे थे। रोज़ी दीदी की हेल्प (help) से हमारी PTM बहुत अच्छे से हो गया। रोज़ी दी को बहुत-बहुत धन्यवाद, हमारी PTM में आने के लिए और इसे सफल बनाने के लिए।
सुप्रीति
बैच-10, बेगूसराय
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