साथियों, क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आप किसी संस्था के संचालक हों तो अपनी संस्था के सदस्यों से आप क्या-क्या नियम फॉलो करने की अपेक्षा करेंगे? हो सकता है आप सोचें कि मैं होता/होती तो कोई नियम ही ना रखता/रखती!
और यह भी हो सकता है कि आपको जिन नियमों से कभी-न-कभी समस्या हुई हो, आप उन्हें खारिज करने की सोचते!
नीचे दिये हुए बिन्दु हमारी एक एडु-लीडर (ज़ीनत बानो,जो मुंगेर (बैच-10 (बी) से हैं) के मन-मस्तिष्क की उपज हैं। जो चाहती हैं या यूँ कहूँ कि देख पा रही हैं कि संस्था के रूप में हम क्या कर रहें हैं? और हमें क्या करने के प्रयास करते रहना चाहिए?
· 1. हमें अपने साथियों का सहयोग और
समाज की महिलाओं की मदद करनी चाहिए।
· 2. विशेषकर वो महिलाएँ जो अपने
अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठा पाती हैं।
· 3. i-सक्षम के विज़न “voice
& choice for every woman” को बरकरार रखना चाहिए।
· 4. हम एक संस्था के रूप में जिस तरह
महिलाओं और बच्चों को आगे बढ़ाने, सीखने और सिखाने
का काम कर रहे हैं, उसे ज़ारी रखना चाहिए।
· 5. हमें महिलाओं की मदद करते समय
जाति,
रंग, रूप के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए।
·
हमें दूसरों के पर्सपेक्टिव (perspective) का सम्मान
करना चाहिए।
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