Monday, February 27, 2023

स्मृतिः बच्चों की बोरियत का हल निकलकर आया सामने, एक्टिविटी के जरिए सुगम हुआ संवाद

फोटो क्रेडिट- आई सक्षम 

एडुलीडर्स हर रोज बच्चों को सीखाने-पढ़ाने के तरीके तलाशते हैं ताकि बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षित किया जा सके। आज हमारी एक एडुलीडर ने अपना एक अनुभव साझा किया है, जिसमें वे बता रही हैं कि बच्चों से इमोशनल अर्थात भावनात्मक जुड़ाव के फायदे। इसके साथ ही बच्चों द्वारा बताए गए पलों से यह निष्कर्ष सामने आया कि बच्चों को एक्टिविटी जरिए समझने में आसानी होती है।

मैं स्मृति कुमारी बैच- 9, मुंगेर जिला, बिहार की एडुलीडर हूं। मैं आप लोगों के साथ आज की कक्षा का अनुभव साझा करने जा रहीं हूं। आज मैंने बच्चों से उनके इमोशन के बारे में बातचीत की। 

बच्चों को हो रही थी बोरियत

कक्षा चार के अभिराज ने मेडिटेशेन करवाया फिर मैंने बच्चों के साथ बातचीत करने के बाद सेशन प्लान बनाया। मैंने बच्चों को LFW के किताब से पढ़ाया। उसके बच्चों को समूह में बांट कर बैठाया और बच्चों के बीच हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों अक्षरों का कार्ड दे दिया। हर समूह को अलग-अलग कार्य दिया, जैसे- बच्चों को शब्द जोड़ने, कार्ड से अन्य एक्टिविटी करने के लिए कहा। इसके द्वारा बच्चे इसे बहुत अच्छे से समझ रहे थे फिर मैंने बच्चों को होमवर्क दिया। 

इसके बाद मैंने बच्चों से संवाद द्वारा एक रिश्ता कायम करने का प्रयास किया। उनसे कक्षा कैसी रहीं जाना, कक्षा को लेकर सुझाव मांगे और उसके बाद बच्चों से उनके इमोशन के बारे में जाना-समझा। बच्चों का कहना था कि बच्चों को सुबह बोरियत महसूस हो रही थी लेकिन धीरे-धीरे एक्टिविटी द्वारा बच्चों को आनंद आने लगा। 

अंत में बच्चों ने कार्ड और खेल-खेल में बहुत कुछ जाना-समझा। इस सेशन से मुझे समझ में आया कि बच्चों को एक्टिविटी और कलात्मक तरीकों से समझाया जाए, तो बच्चे आसानी से सीख लेते हैं। 





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