Thursday, February 23, 2023

अभिषेकः "जब बच्ची के नामांकन के लिए करनी पड़ी मिन्नतें"

बच्चियों को विद्यालय में नामांकन कराने के दौरान अनेक तरह की स्थिति बनती है। कभी अभिभावक तैयार नहीं होते हैं, तो कभी प्रिंसिपल द्वारा दिक्कते आती है लेकिन कभी-कभी इतनी सकारात्मक चीजें घटित हो जाती है कि मन प्रसन्न हो जाता है। बच्चियों के नामांकन की कड़ी में आज अभिषेक कुमार ने अपना अनुभव हमारे साथ साझा किया है, जिसमें वे अपने साथ हुआ एक दिलचस्प वाकया साझा कर रहे हैं। 

नमस्ते साथियों मेरा नाम अभिषेक कुमार सिंह है। मैं इस हफ्ते हुई एक घटना को आपके सामने साझा करना चाहता हूं। जब मैं हलिमपुर नानकार विद्यालय में एक बच्ची का नामांकन कराने गया तो वहां के प्रधानाध्यापक पहले तो राजी नहीं हुए फिर बाद में मिन्नतें करने पर मान गए।

गांव से जुड़ा रिश्ता 

वे पहले मेरे गांव रामनगर विद्यालय में शिक्षक के रूप में थे, तब उन्होंने बताया कि रामनगर के लोगों ने उनकी काफी सहायता की है। उन्होंने मुझसे आगे पूछा, “आप रामनगर से हैं?”, तो मैंने कहा, “हां मैं रामनगर से ही हूं। मैं आई सक्षम संस्था में काम करता हूं और मेरा उद्देश्य बच्चों को स्कूल से जोड़ना है, जिन बच्चों की पढ़ाई रुक गई या जो बच्चे प्रतिदिन विद्यालय नहीं जा पाते हैं, उन्हें शिक्षा से जोड़ना ही मेरा उद्देश्य है।” 

मेरी बातों ने किया प्रभावित 

मेरे इस बात से प्रधानाध्यापक काफी प्रभावित हुए और बोले और उन्होंने कहा, आप बच्चों का नामांकन मेरे स्कूल में करवा दिजिए। प्रधानाध्यापक ने बच्ची का नामांकन अपने विद्यालय में किया और कहा कि आप हमारे विद्यालय आते रहिएगा। इसके अलावा उन्होंने मेरे काम की काफी तारीफ भी की। मैं उस समय अपने आप में गौरवान्वित महसूस कर रहा था। साथ ही आई सक्षम संस्था से जुड़कर मैं अपने आपको भाग्यशाली समझ रहा हूं कि मुझे समाज और समुदाय में काम करने का मौका मिल रहा है।


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