इस कड़ी में हम आपके साथ जमुई, बिहार से दो तस्वीरें साझा करना चाहते हैं, जो आपको हमारे एडुलीडर के बढ़ते कदम और उससे हो रहे बदलावों से अवगत कराएगी।
“आज मैं आपने क्लास रूम में हुई गतिविधि को साझा कर रही हूं। आज हमने कुछ बच्चों को TLM की मदद से कुछ शब्द बनाने के लिए दिए। उन अक्षरों से बच्चों ने कुछ इस तरह से शब्द बनाने की कोशिश की है।”
पहली तस्वीर सत्यम स्वाती (जमुई) बैच- 9 की एडुलीडर द्वारा साझा की गई है, जिसमें वे लिखती हैं,
वहीं दूसरी तस्वीर मिसा भारती (जमुई) बैच 9 की एडुलीडर द्वारा साझा की गई है। वे लिखती हैं,
“आज मैं आप लोगों के साथ अपने क्लासरुम का एक अनुभव साझा करने जा रही हूं। जब आज मैं स्कूल गई तो सबसे पहले सब बच्चों ने गुड मॉर्निंग बोला। उसके बाद एक बच्चे ने स्वयं आगे आकर कहा कि दीदी आज का मेडिटेशन हम खुद करवाएंगे। यह सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और महसूस हुआ कि मेरी मेहनत रंग ला रही है।”
इन तस्वीरों और इनके पीछे की कहानियों को साझा करने का मकसद केवल इतना है कि एडुलीडर के प्रयासों का बच्चों के मन और मस्तिष्क पर पड़ रहे सकारात्मक भावों को दर्शाना। साथ ही चुनौतियों को अपने अनुरुप मोड़कर उनसे लड़ते हुए आगे बढ़ना भी शामिल है।
फोटो क्रेडिट्स- आई-सक्षम
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