फोटो क्रेडिट- आई सक्षम |
एडुलीडर्स हर दिन एक नई ऊर्जा के साथ निकलते हैं लेकिन कभी-कभी कोई दिन चुनौतियों से भरा होता है, तो कभी दिन थोड़ा आसान होता है मगर चुनौतियां हर रोज होती है। इसी कड़ी में हमारी एडुलीडर श्रृष्टि कुमारी ने अपना एक अनुभव साझा किया है। वे लिखती हैं-
“हैलो दोस्तों मैं बैच 7 की एडुलीडर किरण कुमारी हूं। मैं एक छोटा सा अनुभव साझा कर रही हूं। आज जब मैं सेंटर पर गई, तो देखा कि सेंटर बंद था। इसके बाद मैंने बच्चों को चाभी लाने के लिए सहायिका दीदी के घर भेजा। बच्चे चाभी लेकर जब वापस आए, तब मैंने क्लास रुम खोला और उसे साफ किया।”
बच्चे ने शांति से किया इंतजार
उसके बाद सहायिका दीदी आई और उन्होंने बाहर साफ सफाई की और उसके बाद वे चली गई क्योंकि उनके अनुसार उनका कोई जरुरी काम था इसलिए उनका जाना जरुरी था। इसके मैंने क्लास शुरू किया फिर सेविका दीदी आई कहा कि आज बच्चे शांत हैं। इससे पहले तो सभी बच्चे शोर करते रहते हैं लेकिन आज सारे बच्चे ध्यान से बातें सुन रहे हैं। उन्हें बहुत अचंभा लगा लेकिन बच्चों ने मेरी बातों को ध्यान से सुना और अच्छे से पढ़ाई की मगर मुझे थोड़ा बुरा लगा कि बच्चे ऐसे ही बाहर खड़े थे। हालांकि फिर वे अंदर चले गए।
उनके इस अनुभव से एक बात साफ झलकती है कि अब एडुलीडर्स के अंदर आत्मविश्वास भर रहा है कि वे अब ना केवल अपनी बात रख रहे हैं बल्कि अपने कार्यों के प्रति भी आत्मविश्वासी हो रहे हैं।
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