हमारे एडुलीडर ना केवल बदलाव की नई कहानियां गढ़ रहे हैं बल्कि राह में आने वाले संघर्षों को भी कम करना सीख रहे हैं। आंचल ने हमारे साथ अपना अनुभव साझा किया है, वे लिखती हैं-
मैं आंचल बैच 9 मुंगेर की एडुलीडर हूं। मैं आप लोगों के साथ आज के क्लास रूम का अनुभव साझा करने जा रही हूं।
मैं जब क्लास गई तो बच्चे मेडिटेशन कर रहे थे। गुड मॉर्निंग विश करने के बाद हमने क्लास स्टार्ट किया। पिछले कक्षा का रिवीजन और इतने दिनों से हमने मैथ में जो भी पढ़ा था, उन सभी का रिविजन करते हुए आगे की पढ़ाई शुरु की। बच्चों के संख्या को जानने और समझने में अच्छी समझ बन सकी। रिविजन करने के बाद अब बारी एक्टिविटी करने की थी।
एक्टिविटी करने से बच्चों की बढ़ी समझ
बच्चों को एक्टिविटी करके बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। सारे बच्चे समूह में अच्छे से कार्य कर रहे थे। उन्हें देख कर अच्छा लगा कि बच्चे समय में अच्छे से कार्य किए क्योंकि पहले बच्चे बहुत झगड़ा करते थे लेकिन अब बच्चे अच्छे से एक्टिविटी करते हैं। मैंने महसूस किया कि किसी भी चीज को अगर कलात्मक तरीके से समझाया जाए, तो वह बच्चों के लिए काफी आसान हो जाता है।
अगले दिन के लिए हमने फूलों को पहचानने का पाठ निर्धारित किया है, और साथ ही बच्चों ने कहा कि वे ही अगले दिन मेडिटेशन कराना चाहिए। मुझे उनकी लगन देखकर काफी अच्छा लगा कि मेरी मेहनत अब रंग ला रही है।
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