नोट-ये वही बच्चे हैं, जिनका नामांकन 06.02.23 को हुआ है । बाएं से दाएं- एक का विजय,दूसरे का धर्मेंद्र और तीसरे का रविन्द्र है।
मैं निधि कुमारी (जमालपुर,मुंगेर) से ताल्लुक रखती हूं। आज दिनांक 07-02-2023 को मुस्कान बैच-9 मुंगेर की एडु-लीडर के क्लासरूम ऑब्जर्वेशन के लिए उनके स्कूल जतकुटिया, पंचायत-महगामा, प्रखंड-धरारा, जिला मुंगेर गई हुई थी। उनके क्लासरूम में हमेशा लगभग 55 से 60 बच्चे रहते हैं। इतने सारे बच्चों का विद्यालय आने का कारण है कि जब मुस्कान अपने घर से स्कूल आती हैं, तब वे सभी बच्चों के अभिभावकों से मिलकर स्कूल आती हैं।
आज जब मैं स्कूल 10:15 AM में पहुंची तो बच्चे मुझे देख कर बहुत खुश थे। मैं सबसे पहले स्कूल के प्रिंसिपल से मिली और उनसे बातचीत की तो मुझे पता चला कि उस स्कूल में दिनांक 06-02-2023 को एजुकेट गर्ल के टीम ने 11 बच्चों का नामांकन करवाया है। स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा, “जिन बच्चों का नामांकन हुआ है, वे लोग कुछ दिन पहले ही यहां आकर जतकुटिया में बसे हैं। वे प्रवासी थे, जो अब नया टोला जतकुटिया में आकर बसे हैं।”
करीब सात लड़कियों का हुआ नामांकन
जब सर ने मुझे बताया तो मुझे बहुत खुशी हुई कि करीब 11 बच्चों में से 4 लड़के और 7 लड़कियों का एडमिशन हुआ है। जब मैं क्लास में गई तो मैंने देखा कि सारे नए बच्चे एक जगह बैठे हैं और कोई उनसे बात नहीं कर रहा था मगर वे बच्चे इतने समझदार थे कि उसमें भी बहुत खुश थे। वे आपस में ही बात कर रहे थे। जब मुस्कान ने सभी बच्चों से पूछा कि क्यों बात नहीं कर रहे हैं, तो पता चला कि वे उनको अभी नहीं जानते हैं। इसके बाद मुस्कान ने सभी बच्चों को मिलाकर बैठाया ताकि सारे बच्चे घुल मिल सकें। मैं जितने समय विद्यालय में रही, मुझे एक चीज़ ने बहुत ज्यादा प्रभावित किया कि इतने समय से जो बच्चे क्लासरूम में आ रहे हैं, वे मुस्कान की बात को अनसुना कर रहे थे लेकिन उन सभी बच्चों में मैंने ये देखा कि वे मुस्कान की हर बात को सुन रहे थे। मुस्कान ग्रुप में वर्क दे रही थी, तो वे खुद से पढ़ रहे थे और बाकी उसके साथ जो थे उनको भी पढ़ा रहे थे।
एक बच्चे ने कहा (विजय कुमार), “अरे इसको ऐसे लिखो। यहां पर ये होगा।” क्लास में जब मैंने सभी बच्चों को उन सभी बच्चों के बारे में बताया कि देखिए ये सब अभी आए हैं मगर मुस्कान दीदी की हर बात को सुन रहे हैं और बिल्कुल भी शैतानी नहीं कर रहे हैं और बहुत अच्छे से पढ़ाई भी कर रहे हैं। आप लोग इतने दिन से मुस्कान को जान रहे हैं फिर भी उनकी बात को बिल्कुल नहीं सुन रहे हैं और हल्ला कर रहे हैं।
बच्चों ने दी चौंकाने वाली प्रक्रिया
‘बच्चे मन के सच्चे गीत’ तो सबने सुना ही होगा लेकिन मेरी इस बात पर जिस प्रकार बच्चों ने प्रतिक्रिया दी, वो बेहद चौंकाने वाली थी। मेरे इतना बोलने के बाद ही सभी बच्चों ने खुद अपनी गलती को माना और कहा, दीदी अब से बदमाशी नहीं करेंगे। उन सभी बच्चों के व्यवहार को देख कर, उनकी लगन को देखकर बाकी बच्चों में भी थोड़ा बदलाव दिखा। सभी बच्चों को समझाने के बाद वे सभी हमारी बाते सुन रहे थे और हल्ला भी थोड़ा कम कर रहे थे।
मैंने महसूस किया कि सभी बच्चों में कुछ सीखने की जिज्ञासा थी, वे पढ़ना चाहते हैं, वे कुछ सीखना चाहते हैं। हालांकि मन में थोड़ी झिझक थी कि वे बोलना चाहते थे लेकिन बोल नहीं पा रहे थे मगर मुझे ऐसा लग रहा था कि जब मैं अगली बार स्कूल आऊंगी तब ये झिझक भी खत्म हो जाएगी।
स्कूल के टीचर और प्रिंसिपल भी बहुत ज्यादा सपोर्टिव लगे। वे मुस्कान को आकार बोले कि नए बच्चे पर भी थोड़ा ज्यादा ध्यान दीजिएगा। साथ ही प्रिंसिपल भी उन सभी से बहुत प्यार से बर्ताव कर रहे थे। लंच के समय भी उन सभी को बोल रहे थे कि यहां बैठकर खाना खाओ। स्कूल के टीचर, प्रिंसिपल और मुस्कान सभी बच्चों के साथ एक समान व्यवहार कर रहे थे।
निधि कुमारी (जमालपुर,मुंगेर) की रहने वाली हैं और बैच-9 मुंगेर की बड्डी हैं।
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