Tuesday, January 16, 2024

लक्ष्य रहेगा शौचालय में पानी की व्यवस्था करने के लिए आवाज़ उठाना- क्लस्टर मीटिंग

 

प्रिय साथियों,

मैं, मध्य विद्यालय लठाने में संपन्न हुई क्लस्टर मीटिंग के अनुभव को आपके साथ साझा कर रही हूँ। इस मीटिंग के लिए मैं बहुत दिनों से उत्सुक थी। नयी जगह और अधिक दूरी के कारण हम सभी को पहुँचने में थोडा विलम्ब हुआ। हम लगभग साढ़े दस बजे पहुचें। हेडमास्टर से मिलना चाहा तो पता चला कि वो कक्षा में बच्चों को पढ़ा रहें हैं। कुछ ही देर में हमें उनसे मिलने का अवसर मिला। उन्हें देखते ही याद आया "ये मेरे ही विद्यालय में शिक्षक पद पर कार्यरत थे"। मुझे यह जानकार बहुत प्रसन्नता हुई कि ये वर्तमान में यहाँ हेडमास्टर का कार्यभार संभाल रहे हैं। मैंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और उन्हें आज की क्लस्टर मीटिंग के बारे में जानकारी दी। साथ ही कक्षा के बाद मीटिंग में सम्मिलित होने का आग्रह किया।

मीटिंग की शुरुआत मैडिटेशन से करके, हमने मोर्निंग सर्कल किया। इस महीने क्या बेहतर हुआ? क्या सुधार करने की आवश्यकता है? पिछला एक्शन प्लान क्या था? क्या-क्या चुनौतियाँ आयी? सफल पड़ाव क्या थे? अगला एक्शन प्लान क्या होगा? इन सभी बातों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।

इस रिफ्लेक्शन के बाद अभिभावक शिक्षक मीटिंग (PTM) विषय केंद्र में रहा। जो नयी एडू-लीडर्स हैं उन्हें PTM को लेकर बहुत चिंता हो रही थी कि हमारे विद्यालय में PTM कैसे संपन्न होगी? अभिभावक कैसे आएंगे? आएंगे भी या नहीं आएंगे? उनके सहयोग में उनकी बडी तो थी ही लेकिन फिर भी उन्हें घबराहट हो रही थी। (यही भाव और प्रश्न मुझे पहली PTM में परेशान कर रहे थे। मुझे पता था कि मेरी बडी और अन्य साथी मेरे सपोर्ट (support) में है लेकिन फिर भी मेरे मन में भी इन लोगों की तरह बहुत सारे प्रश्न थे।) 

हम लोगों ने मिलकर नयी एडू-लीडर्स को समझाया, अपने PTM के अनुभव साझा किये। जिससे उनका मनोबल बढ़ा।

आधी से ज्यादा मीटिंग होने के बाद हेडमास्टर सर आए। हम लोग नीचे दरी पर बैठे थे और पास में तीन कुर्सियां भी थी। हमने सर को कुर्सी पर बैठने के लिए निवेदन किया परन्तु उन्होंने अपने जूते उतार कर हमारे साथ उसी दरी पर बैठना सही समझा। उनका हमारे प्रति इस प्रकार का भाव और व्यव्हार देखकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई। मैं आप लोगों को बताना चाहती हूँ कि ये वही सर हैं जो बच्चों को भूख लगने पर अपना लंच निकाल कर खाने के लिए दे दिया करते थे

हमारी इस मीटिंग को लेकर हेडमास्टर जी के कुछ प्रश्न थे। उदाहरण के लिए कुछ प्रश्न ये हैं- इस मीटिंग को करने का उद्देश्य क्या है? कितने अन्तराल पर यह मीटिंग होती है? हमने सर के सभी प्रश्नों का उत्तर दिया और उनसे आग्रह किया कि विद्यालय में काजल को समयानुकूल आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। सर ने सहमति जतायी और बातों-बातों में i-सक्षम के नाम से उन्हें परमजीत भैया की याद आयी। उन्होंने बताया कि HM & ICT Training DIET Gidhaur, Jamui में परमजीत से भेंट हुई, वे प्रशिक्षण देने में निपुण लगे। मैंने उन्हें बताया कि हाँ, वो पहले i-सक्षम में ही कार्यरत थे और अब वे आदित्य बिरला फाउंडेशन में अपनी सेवाएं दे रहें हैं। हेडमास्टर सर ने हम सभी के लिए जल-पान की व्यवस्था की हुई थी, हमारे काफी मना करने के बाद भी सर नहीं माने तो हमें जल-पान करना पड़ा। हमने सर को धन्यवाद दिया।

मैं अपना अगला लक्ष्य यह रखती हूँ कि मेरे विद्यालय के शौचालय में पानी की व्यवस्था हो। साथियों आप मेरे पुराने अनुभवों को पढ़कर जान रहे होंगे कि शौचालय पहले ही बन गया था। टंकी और नल भी लग थे, लेकिन उसमें पानी की व्यवस्था नहीं हुई है तो नवंबर महीने में “पानी की व्यवस्था करवाना” मेरा लक्ष्य रहेगा। ‘बढ़ते कदम’ प्रोजेक्ट के साथ हमारी मीटिंग खत्म हुई। इस बार की मीटिंग बहुत ही ज्यादा आनंदायी रही।

    अनन्या
    बैच-9, जमुई


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