प्रिय
साथियों,
मैं, मध्य विद्यालय लठाने में संपन्न हुई क्लस्टर मीटिंग के अनुभव को आपके साथ साझा कर रही हूँ। इस मीटिंग के लिए मैं बहुत दिनों से उत्सुक थी। नयी जगह और अधिक दूरी के कारण हम सभी को पहुँचने में थोडा विलम्ब हुआ। हम लगभग साढ़े दस बजे पहुचें। हेडमास्टर से मिलना चाहा तो पता चला कि वो कक्षा में बच्चों को पढ़ा रहें हैं। कुछ ही देर में हमें उनसे मिलने का अवसर मिला। उन्हें देखते ही याद आया "ये मेरे ही विद्यालय में शिक्षक पद पर कार्यरत थे"। मुझे यह जानकार बहुत प्रसन्नता हुई कि ये वर्तमान में यहाँ हेडमास्टर का कार्यभार संभाल रहे हैं। मैंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और उन्हें आज की क्लस्टर मीटिंग के बारे में जानकारी दी। साथ ही कक्षा के बाद मीटिंग में सम्मिलित होने का आग्रह किया।
मीटिंग की शुरुआत मैडिटेशन से करके, हमने मोर्निंग सर्कल किया। इस महीने क्या बेहतर हुआ? क्या सुधार करने की आवश्यकता है? पिछला एक्शन प्लान क्या था? क्या-क्या चुनौतियाँ आयी? सफल पड़ाव क्या थे? अगला एक्शन प्लान क्या होगा? इन सभी बातों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
इस रिफ्लेक्शन के बाद अभिभावक शिक्षक मीटिंग (PTM) विषय केंद्र में रहा। जो नयी एडू-लीडर्स हैं उन्हें PTM को लेकर बहुत चिंता हो रही थी कि हमारे विद्यालय में PTM कैसे संपन्न होगी? अभिभावक कैसे आएंगे? आएंगे भी या नहीं आएंगे? उनके सहयोग में उनकी बडी तो थी ही लेकिन फिर भी उन्हें घबराहट हो रही थी। (यही भाव और प्रश्न मुझे पहली PTM में परेशान कर रहे थे। मुझे पता था कि मेरी बडी और अन्य साथी मेरे सपोर्ट (support) में है लेकिन फिर भी मेरे मन में भी इन लोगों की तरह बहुत सारे प्रश्न थे।)
हम लोगों ने मिलकर नयी एडू-लीडर्स को समझाया, अपने PTM के अनुभव साझा किये। जिससे उनका मनोबल बढ़ा।
मैं अपना अगला लक्ष्य यह रखती हूँ कि मेरे विद्यालय के शौचालय में पानी की व्यवस्था हो। साथियों आप मेरे पुराने अनुभवों को पढ़कर जान रहे होंगे कि शौचालय पहले ही बन गया था। टंकी और नल भी लग थे, लेकिन उसमें पानी की व्यवस्था नहीं हुई है तो नवंबर महीने में “पानी की व्यवस्था करवाना” मेरा लक्ष्य रहेगा। ‘बढ़ते कदम’ प्रोजेक्ट के साथ हमारी मीटिंग खत्म हुई। इस बार की मीटिंग बहुत ही ज्यादा आनंदायी रही।
बैच-9, जमुई
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