प्रिय दोस्तों,
मैं आप सभी के साथ स्कूल का अनुभव साझा करना चाहती हूँ। आज मेरे स्कूल में बहुत ही कम शिक्षक आये थे। या यूँ कहूँ कि एक ही शिक्षक आये थे। जिसके कारण हमें आज काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
आज अकेले 1,2,3 और पाँचवी कक्षा के विद्यार्थियों को, मुझे ही पढाना पड़ा। सब बच्चे बोलने लगे कि आज हम दीदी से ही पढेंगें। सब बच्चे मेरे पास आ गये, इसलिए मैं उन सब को मना नहीं कर पायी।
पहले तो मैडिटेशन करवाये। इसके बाद मॉर्निंग सर्कल किये। फिर होम वर्क चेक किया और सभो बच्चो को होम वर्क भी दिया। फिर उन सभी की रुचि के अनुसार हिन्दी पठन कराये। एकल स्तर कर के कुछ जो बच्चे आगे नही आते थे पर आज खुद आगे आये। आज मेरे स्कूल में मेरी बडी, स्वाति दीदी भी आयी थी। उन्होंने भी आज बच्चो को बाल गीत कराया, जिससे कि सारे बच्चे जुड़ पाए और समझ भी बन पाए।
बालगीत करने के बाद सभी अपने-अपने स्तर के अनुसार ग्रुप में बैठे और कॉपी में लेख, वाक्य, शब्द लिखे। सारे बच्चे एक-दूसरे की कॉपी जाँच भी कर रहे थे और हेल्प भी कर रहे थे।
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