नमस्ते साथियों,
मैं आज अपने कम्युनिटी वर्क का अनुभव साझा करना चाहती हूँ। मैं अपनी टीम के साथ मुसहरी क्षेत्र में पाँच महिलाओं को हस्ताक्षर करना सिखाने गयी थी।
विजिट के दौरान मुझे यह देखकर बहुत अच्छा महसूस हुआ कि मेरे मुसहरी क्षेत्र में भी कुछ लोग शिक्षित हैं, हस्ताक्षर करना जानते हैं।
हमें कुछेक ही महिलायें मिली जिन्हें हस्ताक्षर करना नहीं आता था। इसलिए, हमने उन लोगो के साथ ही काम किया। चार महिलाओं को हस्ताक्षर करना सिखाया, जिनका नाम इस प्रकार है- बबीता देवी, छटिया देवी, मंजू देवी और सीमा देवी।
हस्ताक्षर सीखते समय सबसे ज्यादा उत्सुक मंजू देवी दिखी। वो तीन-चार प्रयासों में ही हस्ताक्षर करना सीख गयी। इन्होने रिविजन करने के लिए मुझसे कागज माँगा तो मेरे पास उनको देने के लिए एक्स्ट्रा कागज नहीं था। मैंने उन्हें चार्ट-पेपर का टुकड़ा दिया, यही बस मेरे पास था।
मैंने उन्हें बोला कि “अभी आप इसका उपयोग कीजिये, मैं फिर आऊँगी तो आपके लिए कॉपी ले आउंगी”। उन्होंने कहा, ठीक है।
यह काम करके मुझे अच्छा लगा परन्तु कुछ महिलायें थी, जो भाग कर चली गयी। शायद उन्हें शर्म आ गयी हो या कुछ अन्य कार्य हो सकता है। अगली विजिट में उन्हें समझाना मेरा प्रथम उद्देश्य रहेगा।
मुस्कान कुमारी
बैच-10 (B), मुँगेर
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