साथियों, मैं आप सभी के साथ अभिभावक शिक्षक बैठक (PTM) का अनुभव साझा कर रही हूँ। मैंने आज अपने विद्यालय में PTM करवाई थी। जिसमें 24 अभिभावक उपस्थित होने थे, 13 ही आ पाए। मैंने अनुपस्थित अभिभावकों को फ़ोन करके पूछा तो घर के काम में व्यस्त थे तो किसी ने बोला कि हम नहीं आ सकते, कुछ ने फ़ोन कॉल उठाया ही नहीं!
यह मीटिंग 11:00 बजे शुरू होनी थी परन्तु हम लोग 11:15 से शुरू कर पाए और लगभग एक घंटा चली। सभी अभिभावक अच्छे से बात कर रहे थे। अपने बच्चों की प्रोग्रेस के बारे में पूछ रहे थे। इस मीटिंग में हमारी क्लास टीचर भी शामिल थी।
कुछ अभिभावकों का कहना था कि मेरा बच्चा पहले घर पर नहीं पढता था। लेकिन अब शाम होते ही अपने आप पढने बैठ जाता है। यह सुनकर मुझे ख़ुशी हुई।
क्लास टीचर और मैंने भी बच्चो की आदतों के बारे में अभिभावकों से चर्चा की। कुछ बच्चे सुबह खाना नहीं खाकर आते और कुछ के अभिभावकों को साफ-सुथरे कपड़े पहनाकर, विद्यालय भेजने को कहा। सभी ने सहमति जतायी।
फिर हमने PTM की उपयोगिता पर बात की। अभिभावकों से आग्रह किया कि जो अभिभावक आज सम्मिलित नहीं हो पायें हैं, उन्हें अगली मीटिंग में आने लिए लिए बोलियेगा। फिर क्लास टीचर और मैंने, अभिभावकों से फीडबैक माँगा कि आप भी हमें बता सकते हैं कि हम आपके बच्चो के लिए क्या बेहतर कर सकते है?
सभी ने बोला कि सब अच्छा है। कुछ होगा तो हम आपको बता देंगें। उसके बाद क्लास टीचर ने सभी अभिभावकों से हस्ताक्षर कराये और इस मीटिंग को विराम दिया।
आरती कुमारी
बैच-10, बेगूसराय
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