सेशन:
Fixed and Growth Mindset
उपस्थित लीडर्स:
22/24
सुगमकर्ता:
Shivdani & Sonam
सेशन:
36
आज मैं आप सभी के साथ शनिवार (18.03.23)
को
हुए सेशन के बारे में अनुभव साझा करने जा रहा हूँ।
सेशन की शुरुआत आरजू ने
अपना ध्यान आकर्षित करते हुए एक प्रश्न समूह में पूछा कि आज ऑफिस
(office) में
आप
सभी को क्या एक चीज है जो सबसे अलग दिख रहा है?
ट्रैनिंग
हॉल (training hall) में एक शांत माहौल बन गया और
सभी
का ध्यान चारदीवारी के चारो ओर अपने नजर नचाने लगा।
मुझे भी लगा क्या हो सकता है? मैं ये सब देखकर मन-ही-मन मुस्कुरा रहा था। तभी आस्था दी बोली कि मैं अपनी सीट (seat) से अलग बैठी हूँ। बाकी एडु-लीडर्स बोली कि एक तरफ सीट पूरी खाली दिख रही है। हम सब को तो पूरे समूह में बैठना था।
पिछले सेशन को ध्यान में रखते
हुए हमनें अपनी बातचीत की शुरुआत की।
एक समूह के रूप में हम क्या
बेहतर कर सकते है?
मिशा ने
एडू-लीडर्स
के चार-चार के समूह बनाये।
एडू-लीडर्स ने अपने-अपने समूह में गहरी बातचीत कर ये समझ बनायी कि एक समूह के सदस्य के रूप में, मैं कुछ अच्छा कर पा रही हूँ। एडू-लीडर्स पिछले सेशन को reflect करके सोच पा रही थी।
मैं जिस समूह का हिस्सा बना था, मैंने अवलोकन किया कि उस समूह के एडू-लीडर्स अलग-अलग जिम्मेदारी निभा रही थी। कोइ लिखने में एक-दूसरे को मदद कर रही थी, तो कोई सोचने में, जिसमें स्वाति, आत्मविश्वास के बारे में बोली। जो कि हम बेहतर कर सकते है। और वो तो हो भी रहा है। जो हमलोगों ने पिछले सेशन में अपना लिखे भी सोचे की और हमें क्या बेहतर करने की जरुरत है।
- - अपने काम को समय पर पूरा कर सकते थे।
- - Challenge को साझा कर सकते थे।
- - एक-दूसरे के ऊपर comment करने से बच सकते थे।
- - समय पर session और Cluster meeting में शामिल हो सकते थे।
अगर ये होते हुए नहीं दिखेगा
तो एक समूह के रूप में क्या कर सकते है?
अलग अलग समूह से निकलकर आया कि:
- - एडू-लीडर अपनी-अपनी कलस्टर मीटिंग में अपनी बातों को रखेगें।
- - एडू-लीडर अपने-अपने बडी के साथ अपनी बात साझा करेंगें।
- - एडू-लीडर अपने लर्निंग समूह में अपनी बातचीत को रख कर कोइ एक लोग इसे लीड (lead) करेगें।
मैंने एडू-लीडर से दो सवाल
पूछे:
1. आपके लिए क्या आसान
रहा?
एडू-लीडर के समूह से आ रह था कि
एक समूह के रूप में हम क्या अच्छा कर पा रहे हैं, इसको सोचना और discuss
कर
reflect
कर
पाना आसान रहा था।
2. आपके
लिए क्या मुश्किल रहा?
एक समूह के रूप में, कैसे मजबूत नॉर्म्स (norms) बनाये और इसे बेहतर तरीके से कैसे कर पायें, ये सोचने में काफी समय लग रहा था।
खिलाड़ी और पीड़ित की भाषा
एडू-लीडर्स ने अपने पिछले सप्ताह को reflect कर एक अनुभव साझा किया। जहाँ शेहनाज़ बोली कि “मै एक दिन में एक ही विषय को पढ़ा पाती हूँ क्योंकि बच्चे हमसे मैनेज (manage) नहीं हो पाते हैं।
एडू-लीडर्स वापस से शेहनाज़ को
बोली कि आप सोचे कि...
-
आप
क्या कर सकती हैं?
-
इसके
लिए आप कैसे जिम्मेवार हैं?
मैंने दो दिन पहले “अंतिम पंघाल” का link समूह पर भेज दिया था। जिसमें कि 18 एडू-लीडर्स इनकी जीवनी के बारे में पहले से पढ़कर आये थे। ये देखकर मैं बहुत खुश हुआ। एडू-लीडर्स इसके बारे में खुद को जोड़कर अपनी मानसिकता के बारे सोचकर अपना अनुभव बता पा रही थी कि बेटियां अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं।
फीडबैक (feedback) की समझ:
हमने जाना की दो तरह के
फीडबैक का उपयोग करते हैं।
- क्षमता/गुण का फीडबैक
- किसी के प्रयास का फीडबैक
धन्यवाद।
~श्रवण
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