क्या आप जानतें हैं कि ड और ड़ में क्या अंतर है? या कभी ध्यान दिया हो कि इनका प्रयोग कहाँ किया जाता है?
कोई बात
नहीं। नहीं भी जानते हैं तो इस लेख में हम इन अक्षरों का उपयोग कहाँ और कब होता है
यह जानने का प्रयास करेंगें।
भाषा वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो ड और ड़ सहस्वनिक ध्वनियाँ हैं, जिन्हें अंग्रेज़ी में allophone कहते हैं। (उसी प्रकार ढ और ढ़ भी सहस्वनिक ध्वनियाँ हैं।)
ड शब्द के शुरू में आता है, अनुस्वार (या ण्) के बाद आता है या द्वित्व रूप में आता है। इन प्रसंगों में ड़ नहीं पाया जाता।
ड़ शब्द के बीच में या अन्त में ही आता है लेकिन कभी भी अनुस्वार या ण् के
बाद नहीं और कभी भी द्वित्व रूप में नहीं। इस प्रकार से ड और ड़ का
उपयोग अलग-अलग स्थानों पर किया जाता है। यही स्थिति ढ और ढ़ के बीच भी है। उदाहरण
–
ड ड़ शब्द के शुरू में डर, डाल,
डमरू नहीं आता है अनुस्वार या ण् के बाद दण्ड, मण्डी/मंडी, मार्तण्ड, कंडा नहीं आता है द्वित्व
रूप में बडी (buddy), हड्डी,
अड्डा नहीं आता है शब्द
के बीच में नहीं आता है साड़ी, कपड़ा, बड़ी, पकौड़ी शब्द
के अंत में नहीं आता है पेड़, किवाड़, होड़, पकड़, गुड़,
ऊपर दी गयी सारणी में एक शब्द “बडी” है जो आप प्रतिदिन उपयोग करते ही हैं। यह buddy को हिंदी में लिखने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। वहीँ दूसरी और “बड़ी” शब्द भी देखिये- जिसका उपयोग हम “बड़ी बहन, बड़ा काम” इत्यादि में करते हैं।
साथियों आज
हम ड़ और ढ़ अक्षरों के हिंदी-अंग्रेज़ी लेखनी और उनके उपयोग
के बारे में थोड़ी समझ बनाने का प्रयास करेंगें।
ड़ और ढ़ अक्षरों से युक्त हिंदी शब्दों को जब अंग्रेज़ी में लिखा
जाता है तो उसके लिये कोई एक मानक परिपाटी नहीं है। कुछ शब्दों में ड़ के
लिये अंग्रेज़ी का r अक्षर लिखा जाता है और कुछ में d।
इसी तरह ढ़ के लिये rh और dh दोनों का ही चलन है। जगहों और लोगों के नामों में r और rh का प्रयोग अधिक होता है और अन्य शब्दों में d और dh का।
आइये कुछ उदाहरण देखते हैं और अपनी समझ बनाते हैं–
|
r या rh |
d या dh |
ड़ |
गुड़गाँव (Gurgaon), चित्तोड़गढ़ (Chittorgarh), हावड़ा (Howrah) |
सड़क (Sadak), पड़ोसन (Padosan), गाड़ी (Gadi) |
ढ़ |
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), चंडीगढ़ (Chandigarh), गढ़वाल (Garhwal) |
अनपढ़
(Anpadh), साढ़े-तीन (Sadhe-Teen), पढ़ाई (Padhayi) |
अब प्रश्न
ये नहीं उठता है कि r/rh और d/dh में से कौन सा
लिखने का तरीका सही है, क्योंकि अंग्रेज़ी भाषा की रोमन लिपि भारतीय
भाषाओं की ध्वनियों को अंकित करने के लिये इतनी अपूर्ण है कि हिंदी शब्दों को सही
ढंग से रोमन लिपि में लिखने के लिये प्रचलित परिपाटी के अतिरिक्त और किसी नियम का
सहारा नहीं लिया जा सकता।
प्रश्न ये है कि ऐतिहासिक और भाषा वैज्ञानिक दृष्टि से ड़/ढ़ किसके अधिक निकट हैं – ड/ढ के या र के।
फुटनोट:
सहस्वनिक ध्वनियाँ किसी भी भाषा की उन मिलती जुलती ध्वनियों को कहा जाता है
जिनका प्रयोग परस्पर अनन्य प्रसंगों में ही होता है और जिनको आपस में बदलने से
सुनने में उच्चारण थोड़ा अस्वाभाविक तो लग सकता है परन्तु शब्द का अर्थ नहीं
बदलता।
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