प्रिय साथियों,
मैं
आप सभी के साथ नौवें बैच (batch) के अड़तीसवें सेशन (session)
के अनुभव को साझा करना चाहती हूँ।
यह
सेशन मुख्य रूप से स्व-करुणा
(Self-Compassion)
पर था।
सेशन की शुरुआत पहले
से निश्चित समय से ही हुई।
सेशन के मुख्य उदेश्य इस प्रकार थे-
- Power of words गतिविधि
के माध्यम से अपने साथी से जुड़ पाना
- Self-compassion की
समझ बना पाना, उसे अपने जीवन में उपयोग कर पाना
- पिछले
तीन महीनों के सेशन पर revision करना
- ड्रामा तरीके स्नैप्शाट (snapshot) का उपयोग करके अभ्यास कर पाना
सेशन, मोर्निंग सर्किल से सोनम के द्वारा शुरू किया गया। एडू-लीडर्स अपनी एनर्जी (energy) को बताते हुए सेशन में आगे बढ़े। उसके बाद हमने पॉवर ऑफ़ वर्ड्स (Power of words) गतिविधि की। इसके लिए मैंने पूजा दीदी को चुना क्योंकि वो बहुत ही कम बोलती हैं और बहुत ही शांत रहती हैं।
जब मैंने उनको सबके सामने बुलाया और बोर्ड के सामने से खड़ा किया। गतिविधि के अनुसार सभी एडू-लीडर्स उनके बारे में एक पॉजिटिव वर्ड (positive word) लिखेंगें। पूजा दीदी का बार-बार मन हो रहा था कि वो पीछे मुड़कर बोर्ड की तरफ देखें और वो सोच रही थी कि कब दीदी कहेंगीं, पीछे देखने के लिए।
जब सभी एडू-लीडर्स की तरफ से वर्ड्स (words)
आ
गये और मैंने उन्हें पीछे देखने के लिए बोला तो पूजा दीदी बोर्ड पर लिखे शब्दों को
देखकर बहुत खुश हुई और बोलीं मैं खुद के बारे में इतना नही जानती थी, जितना आज जान
पायी हूँ।
पर अपने भावों को बताते हुए
बोलती हैं कि पहले मुझे बहुत डर लग रहा था और अब मैं बहुत खुश हूँ। मैं भी ये गतिविधि पहली बार
लीड कर रही थी तो मुझे भी समझने का मौका मिला और मैं भी ये जानने के लिए बहुत
उत्साहित थी की सभी पूजा दीदी को कितना जानते है। मन ये सवाल भी आ रहा था कि यदि
मैं वहाँ होती तो क्या मेरे बारे में भी ऐसा निकलकर आता? ये सोचते हुए मैंने आगे
के सेशन के लिए शिवदानी भईया को आमंत्रित किया।
शिवदानी भईया Self-compassion के पार्ट (part) को लीड (lead) कर रहे थे, Self-compassion का मतलब स्वयं की करुणा को समझना और एक्शन लेना। इसके लिए शिवदानी भईया ने एक विडियो भी दिखायी। विडियो में Mr. Indifferent (उदासीन) एक किरदार था, जो बहुत ही अलग-अलग रहता था। जहाँ उनको किसी की मदद करनी थी वहाँ भी वो बिना कोई एक्शन (action) किये चला जाता है। जब एक वृद्ध महिला उनका हाथ पकड़ लेती है और वो उन्हें सड़क पार करने में मदद करता है और अचानक एक गाड़ी सामने आ जाती है। जिसे वो जल्दी से अपने हाथों से रोकता है, उसके बाद वो महिला उनके बहुत प्यार से उनके गाल को छूती है जैसे उनको धन्यवाद बोल रही हो। उस पल के बाद वो बहुत खुश रहने लगता है।
इसके बाद शिवदानी भईया सभी से उस विडियो के बारे में जाने। सभी एडू-लीडर्स के अलग-अलग विचार निकल कर आ रहे थे।
उसके बाद स्मृति दी ने “मैं खुद को जब देखती हूँ” आईने में विडियो दिखायी। फिर एडू -लीडर्स से जाना वो खुद को देख के कैसा महसूस करतें हैं? इसी पर रवि भईया और धर्मराज भईया बहुत ही अच्छा रोल-प्ले (role-play) किये।
रोल-प्ले के निर्देश इस प्रकार थे-
आपके किसी बहुत ही अच्छे मित्र को लगता है कि वो जो कर
रही हैं, उसमें
उन्हें सफलता नहीं मिल रही, उनकी सारी कोशिश नाकाम हो जाती है। “शायद मैँ काबिल नहीं हूँ, कुछ सपने देखने के।
- आप उनसे कैसे मिलोगे?
- क्या बात करोगे?
- कैसे बात करोगे?
दोनों ने बहुत ही अच्छे से उदाहरण देते हुए इस रोले-प्ले को पूरा किया। उसके बाद हमने जाना कि क्या हम सब खुद को भी असफलता मिलने पर इसी तरह मोटीवेट (motivate) करते हैं, जिस तरह अपने दोस्त को मोटीवेट करते हैं। सभी एडू-लीडर्स के अलग-अलग विचार निकल कर आ रहे थे। ज्यादातर एडू-लीडर खुद को मोटीवेट करते हैं ये बता रहे थे। इसके बाद स्वयं के प्रति करुणा के तीन मुख्य चरण पर समझ बनाते हुए उसका अभ्यास भी किये।
1. माइंडफुल रहना: मैं क्या महसूस कर रही हूँ, इससे मेरे बर्ताव मे क्या बदल रहा है?
2. यह समझ कि हम एक बड़ी मानवता से जुड़े है: यह सिर्फ मेरे साथ नहीं हो रहा।
3. स्वयं के साथ प्यार, समझ और kindness से बर्ताव करना: जैसे एक
अच्छा दोस्त आपसे मिलता है।
इसके बाद लंच ब्रेक (lunch break) हुआ। लंच ब्रेक के बाद एक Snapshot एक्टिविटी हुई। इस गतिविधि को सोनम ने लीड (lead) किया जो बहुत ही मजेदार रहा। सभी एडू-लीडर्स ने बहुत एन्जॉय (enjoy) किया। ये काफी अच्छा रहा। उसके बाद हमने सभी एडू-लीडर्स को ग्रुप्स (groups) में बाँटकर अभी हुए सेशन का revision करवाये और फिर पिछले तीन महीने में हमने क्या जाना इस पर बात हुई।
- Identity
- Ice-berg
- Mindset
- Smart
goal
- Phonics
गणित:
हिस्से, मापन
अंग्रेजी:
स्वयं
का परिचय
जिसमे सभी एडू-लीडर्स अपने-अपने ग्रुप में अच्छे से समझ बना रहे थे। जिसमे मैंने देखा एक ग्रुप में सिमरन, सोनम और खुशबू थे। वो आपस में बातचीत कर रहे थे कि सोनम iceberg के सेशन में नही आयीं थी तो खुशबू और सिमरन उन्हें अच्छे से iceberg के बारे समझा रही थी। ये देख के बहुत ही अच्छा लगा, सभी एक-दूसरे की मदद से जानकारी ले पा रहे हैं। फिर हम सभी ने डीब्रीफ (Debrief) किया और सभी एडू-लीडर्स को समय से घर जाने को कहा।
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