Thursday, January 18, 2024

मुझे लग रहा था कि मुझे कुछ आता ही नहीं है!

नमस्ते साथियों, 

मैं +2 उत्क्रमित उच्च विद्यालय बैताल का अनुभव साझा करना चाहती हूँ। आज का अनुभव मेरे लिए बहुत ही लर्निंगफुल रहा क्योंकि आज मेरे विद्यालय में कोमल दीदी आयी हुई थी।

आज भी मैं हर रोज की तरह अपने विद्यालय, समय से पहुँची। प्रिंसिपल सर के कहने पर मैंने असेंबली का संबोधन किया। प्रिंसिपल सर ने “भाग्य बड़ा है या कर्म” पर एक कहानी के माध्यम से अपने विचार रखे, जिससे सभी को सीखने को मिला और मुझे बहुत ख़ुशी हुई।

असेंबली पूरी होने के बाद सभी बच्चे पंक्तिबद्ध तरीके से अपनी-अपनी कक्षा में गए। अटेंडेंस प्रक्रिया के बाद कोमल दीदी आयी। वैसे तो मैं कक्षा को अच्छे से डील (deal) कर लेती हूँ। परन्तु आज मुझे थोड़ी टेंशन हो रही थी। टेंशन के कारण समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ और क्या ना करूँ? 


ऐसा भी लग रहा था कि मुझे कुछ आता ही नहीं है!
लेकिन फिर भी कोशिश कर रही थी। पर कुछ हो ही नहीं रहा था।
मुझे बहुत खराब महसूस हो रहा था। 

फिर कोमल दीदी ने वर्ण समूह पद्धति के माध्यम से मॉडलिंग करके बताया। जिससे मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं भी सीख पायी। कुछ देर बाद कोमल दीदी, वर्षा की कक्षा में गयी तो हमने बच्चो का क्लासवर्क (classwork) चेक किया और इतने में ही घर आने का समय हो गया।

टिंकी 
बैच-10, गया 

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