प्रिय दोस्तों,
मैं आप सभी के साथ अपनी अभिभावक शिक्षक मीटिंग (PTM) का अनुभव साझा करना चाहती हूँ। मैं बैंक टोला आंगनवाडी में पढ़ाती हूँ। आज PTM में मात्र तीन ही
अभिभावक आये थे।
इस PTM से पहले मैंने बहुत कोशिश की कि सभी लोग PTM में आयें परन्तु कोई
बदलाव (change) नहीं दिखा। कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने अपनी PTM शुरू की। सबसे पहले हमने
मैडिटेशन (meditation) किया। फिर हमनें एक-दूसरे को जानने के लिए थोड़ी बातचीत
की, थोड़ा आत्म-चिंतन (reflect) भी किया।
हमनें जाना कि कौन कहाँ से आया है?
हम क्या करते हैं?
और हमारा अब तक का दिन कैसा रहा?
सभी ने अपने बारे में बताया तो बहुत अच्छा लगा। फिर मैंने
उनसे पूछा कि क्या आपको पता है कि हम यहाँ एक साथ क्यों आयें हैं?
(चित्र: अभिभावक शिक्षक मीटिंग, बैंक टोला आंगनवाडी)
उन्होंने उत्तर दिया कि हमारे बच्चों की पढाई-लिखाई
से सम्बंधित बात करने के लिए बुलाया है। उनका उत्तर सुनकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई और
हम अपनी मीटिंग के अगले पड़ाव की ओर बढ़े। मैंने उन्हें बताया कि हम लोग
खेल-कूद, गतिविधि, कविता, चित्र पठन आदि के माध्यम से बच्चों को पढ़ाते है। हमारी
संस्था खेल-कूद के साथ बच्चों को कैसे पढाया जाये? बच्चे, विद्यालय के नाम से डरें
नहीं- इस बात की ओर ध्यान देकर भी हमें प्रशिक्षण देती है।
अंत
में हमनें अभिभावकों से पूछा कि आज आपके लिए क्या अच्छा रहा और मेरे लिए कोई
फीडबैक (feedback) है तो वह भी बताइए। अभिभावकों ने बोला कि सब ठीक है,
आपके लिए कोई फीडबैक नहीं है। मैंने उनसे कहा कि अगली PTM में अधिक से अधिक
अभिभावक जुटेंगें तो हम सभी के लिए और भी अच्छा होगा। इसी बात पर इस मीटिंग का
समापन हुआ।
मोंटी कुमारी
8 दिसंबर, 2023
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